सहृदय और दयालु लिंकन
अब्राहम ने जब अपनी वकालत शुरू की तो वह अपने साथी वकीलों से अलग था। वह अपने यहाँ आने वाले गरीब लोगों का केस बिना फीस लिए लड़ता था। बल्कि कई मौकों पर तो उसने अपनी जेब से मुवक्किलों की मदद भी की।
एक बार की बात है कि एक बुजुर्ग गरीब महिला अब्राहम के पास आई। वे युद्ध में शहीद हुए सैनिक की पत्नी थी। पेंशन एजेंट ने उस महिला की ४०० डॉलर की पेंशन दिलवाने के लिए २०० डॉलर छीन लिए। अब्राहम ने पेंशन एजेंट के खिलाफ केस लड़ा और उस महिला को पूरे पैसे दिलवाए। इतना ही नहीं अब्राहम ने इस केस में कोई फीस नहीं ली। और तो और केस के दौरान इस बुजुर्ग महिला के होटल मे रुकने का बिल और घर लौटने के लिए टिकट दिलाने का खर्च भी अब्राहम ने ही उठाया। एक वकील की इस ईमानदारी से वह महिला बहुत ज्यादा प्रभावित हुई। अब्राहम नाम का यही वकील अपनी ईमानदारी और लोगों की तकलीफों को समझने की काबिलियत के बल पर आगे चलकर अमेरिका का सोलहवाँ राष्ट्रपति बना।
दुनिया में ऐसे कुछ ही राष्ट्रपति हुए हैं जिन्हें उनके बाद भी बहुत से लोग याद करते हैं। अब्राहम लिंकन का नाम ऐसे ही भले राजनीतिज्ञ के रूप में याद किया जाता है। किसी बड़े पद पर पहुँचने के बाद भली बातें कहना एक बात है और भले काम करके किसी बड़े पद तक पहुँचना दूसरी बात। और यह दूसरी बात जिंदगी में ज्यादा महत्वपूर्ण है। 12 फरवरी को अब्राहम लिंकन का जन्मदिन अमेरिका में और दुनियाभर में उनके चाहने वाले खुशी से मनाते हैं।
Lincoln aise kayee qisse mashhoor hain..aapka swagat hai!
जवाब देंहटाएंAnek shubhkamnayen !
जवाब देंहटाएंकैसे बनाते हैं ऐसे महामानव -
जवाब देंहटाएंhttp://mahaamaanav.blogspot.com
सही बात है कि आजकल के राजनीतिज्ञ समाज से ज़ु़ड़े नहीं होते है बल्कि राजनीति उनका पेशा होता है
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनायें
http://merajawab.blogspot.com
इस नए चिट्ठे के साथ आपको हिंदी चिट्ठा जगत में आपको देखकर खुशी हुई .. सफलता के लिए बहुत शुभकामनाएं !!
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