रविवार, 14 फ़रवरी 2010

कविता

अपने सपने पूरे करो


खुद पर यकीं तुम करके अपने सपने पूरे करो,
जिंदगी में ढेरों खुशियों की तुम महक भरो।
सच्चाई का रास्ता बमुश्किल, पर देता है बहुत सुकून,
झूठ, फरेब और बेईमानी से तुम हर वक्त डरो।
हिम्मत के ये पैर तुम्हारे कभी न हो कमजोर,
हौसलों के पंखों से तुम ऊँची उड़ान भरो।
जुनूँ और जज्बा-जोश हो तो फिर क्या है मुश्किल,
मजबूती से कदम बढ़ाकर ख्वाबों को साकार करो।
उपलब्धि के शिखर को छूकर दंभ न करना बंदे,
चाहे कितनी मिले सफलता, पाँव जमीं से मत छोड़ो।
जीवन में कुछ पाया है तो उसे बाँटना तुम सीखो,
कठिन राह में निराश हो रहे लोगों के तुम कष्ट हरो।
उमंग, उत्साह, संघर्ष का ही नाम है जिंदगी मगर,
काँटों से तुम बचते रहो, मंजिल पर ध्यान धरो।

(पुस्तक 'मन तरंग' से)

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