सोमवार, 29 मार्च 2010

कविता

चिड़िया के घर न्योता
चिड़िया के घर न्योता है
देखें, क्या-क्या होता है
माल बनाएगी भरपेट
हमें खिलाएगी भरपेट
भालू तो क्यों रोता है
तेरा भी तो न्योता है
मेंढक माँगे किससे लिफ्‍ट
बिल्ली क्या ले जाए गिफ्‍ट
कोयल गाना गाएगी
सबके मन को भाएगी
बिल्ली बोलेगी म्याऊँ
चूहा बोला मैं आऊँ
सबके मन को भाएगा
बड़ा मजा फिर आएगा
सब जंगल को न्योता है
देखें, क्या-क्या होता है

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