बुधवार, 31 मार्च 2010

सेहत समाचार

मलेरिया से बचाएँगे मच्छर
आने वाले समय में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों का भय खत्म हो जाएगा। आप मच्छरों से डरेंगे नहीं, बल्कि उन्हें अपने घर में पालने की कोशिश करेंगे। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा जेनेटिकली मॉडीफाइड मच्छर बनाने का दावा किया है, जो खुद ही मलेरिया की वैक्सीन फैलाएगा।
मच्छर अपने मुँह में वैक्सीन लेकर चलेगा। जापान की जिकी मेडिकल यूनिवर्सिटी में हुए शोध में वैज्ञानिकों ने बताया है कि पिछले दशक में हुए शोध की बदौलत इस तरह की उम्मीद बनी है। इस शोध में ऐसे जीएम मच्छर विकसित किए गए हैं जो इंसानों को काटने के दौरान उनमें मलेरिया से ल़ड़ने की क्षमता विकसित करेंगे।
इससे यह मच्छर जिन्हें काटेंगे, उन्हें मलेरिया होने की संभावना लगभग शून्य हो जाएगी। इससे पहले इन्हीं वैज्ञानिकों ने ऐसा मच्छर विकसित किया था जिसकी लार में लेशमानिएसिस रोग की वैक्सीन बनती थी।

धूप में निकला ना करो..
चटकती-तमतमाती धूप ने आपके सर पर डेरा डाल दिया है। सूरज के तेवर तीखे हो चुके हैं और पूरी कोशिश है आपकी रंगत को स्याह करने की। तो आप भी कस लीजिए कमर और बना लीजिए मूड सूरज को ठेंगा दिखाने का। रोकिए झुर्रियों को असमय आने से और लीजिए लुत्फ गर्मियों का।
जी हाँ, गर्मियों में तेज धूप आपकी रंगत को फीका बना डालती है। यदि आप पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ घर के बाहर और घर के अंदर भी न रहें तो आपकी त्वचा झुलसने के साथ-साथ कई अन्य परेशानियों का भी शिकार भी बन सकती हैं। इसलिए गर्मियों में कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें।
सबसे पहली जरूरत है, शरीर की नमी को बनाए रखने की। बढ़ते तापमान से आपके शरीर की स्वेद ग्रंथियाँ अधिक सक्रिय हो जाती हैं अर्थात पसीना निकलने की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है। इसलिए आवश्यक है कि आप पानी तथा लिक्विड इंटेक का पर्याप्त सेवन करती रहें। एक दिन में कम से कम10-12 गिलास पानी पिएँ। इसके अलावा नींबू पानी, संतरे तथा अन्य पानी वाले फलों का सेवन भी समय-समय पर करते रहें। इससे शरीर को ऊर्जा भी मिलेगी, नमी का स्तर भी पर्याप्त बना रहेगा तथा समय से पहले चेहरे पर झुर्रियाँ भी नहीं पड़ेंगी। याद रखें कि कोल्ड ड्रिंक या इस तरह के पेय फायदेमंद नहीं होंगे।
दिनभर में कम से कम दो-तीन बार चेहरे पर भी ठंडे पानी के छींटे मारें। इससे आपकी त्वचा में बाहर से भी नमी बरकरार रहेगी।
गर्म पानी से नहाने की बजाय ठंडे पानी से नहाएँ। ठंडे से मतलब है रूम टेम्परेचर वाला पानी...। हाँ, आप चाहें तो थोड़े गुनगुने पानी का उपयोग कर सकती हैं।
किसी माइल्ड सोप या सोप-फ्री फेस वॉश का उपयोग करें।
हफ्ते में एक बार क्लीनअप का प्रयोग कर सकते हैं। अगर स्क्रब का प्रयोग कर रहे हैं तो हर्बल या किसी माइल्ड स्क्रब का ही प्रयोग करें।
पसीना, प्रदूषण तथा धूप- ये सब मिलकर आपकी त्वचा को नुकसान पहुँचाने में लग जाते हैं।
अगर आपकी त्वचा ड्राय है तो दिन में मेकअप के पहले मॉइश्चराइजर लगाएँ अथवा मॉइश्चराइजर का प्रयोग रात में ही करें और बहुत कम।
सूरज के तमतमाते तेवर आपके लिए खतरा लाते हैं लेकिन धूप का सेवन भी आपके लिए जरूरी है। खासतौर पर सुबह सूर्योदय के समय निकलने वाली हल्की किरणों का सेवन अवश्य करें। पैदल घूमने या खुली जगह पर योग करने से कई लाभ हो सकते हैं।
किया जा सकता है।
चाहे घर के अंदर रहें या बाहर, सनस्क्रीन लोशन का उपयोग जरूर करें। यह तेज धूप से तो आपकी त्वचा की रक्षा करता ही है। सूर्य की हानिकारक किरणों से भी आपको बचाता है। इससे कैंसर सहित त्वचा के कई रोगों से आप बच सकते हैं। सनस्क्रीन लोशन को गंभीरता से लें। ऐसा लोशन खरीदें जिसमें एसपीएफ (सन प्रोटेक्शन फैक्टर) 15 या उससे अधिक हो।
घर से निकलने के 20-25 मिनट पहले इसकी मोटी-सी लेयर शरीर पर लगा लें। खासकर उन भागों पर जो धूप के सीधे संपर्क में आते हों। यदि आप ज्यादा समय बाहर रहते हैं तो हर 3-4 घंटे में सनस्क्रीन लोशन लगाते रहें। स्वीमिंग के समय वाटर रजिस्टेंट सनस्क्रीन लोशन लगाएँ।
चाहे हम लोग आज भी गोरी स्कीन के प्रति प्रिजुडाइस हों, लेकिन यह बात भी उतनी ही सच है कि साँवली स्कीन सूर्य की खतरनाक किरणों से बचने में ज्यादा सक्षम है। तो यहाँ वे लोग फायदे में हुए, जो डार्क कॉम्प्लेक्शन वाले हैं। गोरे लोगों पर सूरज की यूवी किरणों का प्रकोप होने के ज्यादा चांसेस होते हैं।
नन्हे से दिल का रखें ख्याल
दिल की कमजोरी के घरेलू उपचार
आजकल युवाओं में दिल की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। अक्सर इसे पहचानने में देरी हो जाती है। बाद में डॉक्टर के चक्कर लगाने से तो बेहतर है थोड़ी-सी सावधानी बरती जाए। जरा सी भी मेहनत करने पर साँस फूलने लगे, पसीना आ जाए, सीढ़ियाँ चढ़ते समय दम भर जाए तो समझो दिल कमजोर है। पेश है दिल की कमजोरी दूर करने हेतु घरेलू उपचार :
* लौकी उबालकर उसमें धनिया, जीरा व हल्दी का चूर्ण तथा हरा धनिया डालकर कुछ देर और पकाएँ। युवावस्था में कमजोर दिल के रोगी को इसका नियमित सेवन करने से लाभ होता है और दिल को शक्ति मिलती है।
* अच्छा पका हुआ कद्दू लेकर उसे धो लें और छिलके सहित उसके छोटे-छोटे टुकड़ काट लें। इसे अच्छी तरह सुखाकर मिट्टी के बरतन में भरकर, ढक्कन लगाकर, कपड़ा बाँधकर मिट्टी लेप दें। 20 मिनट हल्की आँच पर पकाएँ व उतारकर ठंडा होने दें, कद्दू के जले टुकड़ों का चूर्ण बनाकर शीशी में बंद कर दें। दो ग्राम चूर्ण में एक ग्राम सोंठ का चूर्ण मिलाकर गर्म पानी से सेवन करें। इससे दिल की दुर्बलता व सीने का दर्द दूर होता है।
* अनार के 10 मिलीलीटर रस में 10 ग्राम पिसी मिश्री मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से भी बहुत लाभ होता है।

* वंशलोचन, इलायची दाना, जहर मोहरा, खताई पिष्टी, रहरवा शमई, सतगिलोय और वर्क चाँदी, सभी समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें व फिर सभी को गुलाब के अके में घोटकर रख लें। 1 से 4 रत्ती मिश्री या आँवले के मुरब्बे के साथ दिन में तीन बार सेवन करें। यह दिल की कमजोरी, धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभकारी है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें