बच्चे को बचाएँ मोटापे से
बदलती जीवनशैली से बच्चे भी मोटापे का शिकार हो रहे हैं। अनियंत्रित खान पान, जंक फूड, वीडियो गेम्स व टेलीविजन से चिपके रहने की बच्चों की आदत इसके लिए जिम्मेदार है।
बच्चों में मोटापा (चाइल्डहुड ओबेसिटी) बाद में उच्च रक्तचाप का सबसे बड़ा कारण बनकर उभरता है। बच्चे में बढ़ते मोटापे को उनके खाने और खेलने की आदतों पर ध्यान देकर नियंत्रित किया जा सकता है।
एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडिया के मेडिकल अपडेट वाल्यूमः 2010 में प्रकाशित रिपोर्ट में बच्चों में बढ़ती ओबेसिटी पर गहरी चिंता जताई गई है। इसमें प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली व अन्य महानगरों के पब्लिक व कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ने वाले कुल बच्चों में 22 फीसदी बच्चे मोटापे से ग्रस्त हैं।
जबकि सरकारी स्कूलों में प़ढ़ने वाले बच्चों में मोटापे का प्रतिशत करीब 5 है। पुणे में पब्लिक व कॉन्वेंट स्कूलों में मोटापे के शिकार बच्चों का प्रतिशत 24 से ज्यादा है। 'प्रिविलेंस ऑफ ओबेसिटी अमंग मेल एंड फिमेल चिल्ड्रन' अध्ययन में यह बात उजागर हुई है। इस रिपोर्ट से राजधानी के विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि राजधानी में भी दिल्ली और पुणे से कम खतरनाक हालात नहीं है।
ये हैं उपाय :
1. बच्चे को हरी सब्जियाँ और फल खिलाएँ और शाकाहारी भोजन को प्रमुखता दें।
2. बच्चे को पनीर व फास्ट फूड से बचाएँ। खाने में नमक की मात्रा कम करें।
3. बच्चे को तीन विभाजित हिस्सों में खाना खिलाएँ।
4. खाने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करें।
5. बच्चे को खाने या ब्रेकफास्ट में रेडीमेड सॉस देने से बचें।
6. बच्चे को कंप्यूटर व टीवी पर ज्यादा समय न बिताने दें। इसके बजाए उसे आउटडोर गेम्स खेलने दें।
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