सोमवार, 19 अप्रैल 2010

काउंसलर कॉर्नर

सीबीएसई बोर्ड से बारहवीं कर रही हूं। दसवीं 91.8 प्रतिशत अंकों से किया है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती हूं, पर नैनो साइंस में भी दिलचस्पी है। बेहतर विकल्प क्या होगा?
अंजलि वर्मा

आज के समय में इन दोनों क्षेत्रों में जोरदार संभावनाएं हैं, लेकिन आपको इनमें से किसी एक राह को चुनना होगा। आप बीसीए और एमसीए करके सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की राह पर आगे बढ सकती हैं। अगर आप नैनो साइंस में करियर बनाना चाहती हैं, तो आपको दिल्ली स्थिति जवाहर लाल नेहरू या इसके समकक्ष किसी अन्य केंद्रीय यूनिवर्सिटी से एमएससी और पीएचडी करनी होगी। इसके बाद भी आप स्पेशलाइज्ड स्टडी कर सकती हैं।

दसवीं और बारहवीं के बीच एक साल का गैप है। क्या इसकी वजह से मुझे आगे इंजीनियरिंग करने में परेशानी हो सकती है?

विजय कुमार

इंजीनियरिंग करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना होता है, इसलिए अगर आपने बारहवीं में काफी अच्छे अंक प्राप्त कर लिए और दसवीं में भी नंबर अच्छे होंगे तो एंट्रेंस क्लियर करने पर बीटेक या बीई में एडमिशन लेने में आपको कोई दिक्कत नहीं होगी।

बीकॉम-प्रथम वर्ष का स्टूडेंट हूं। बीटीसी या बीएड करके टीचिंग सेक्टर में काम करना चाहता हूं। कृपया पूरी प्रक्रिया बताएं।

अनुस ताहिर

बीएड यानी बैचलर ऑफ एजुकेशन करने के लिए पहले आपको ग्रेजुएशन पूरा करना होगा। इसके बाद आप एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करके बीएड कोर्स में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। बीएड करने के बाद आप सरकारी और निजी स्कूलों में अध्यापक बनने के पात्र हो जाएंगे। बारहवीं तक के सरकारी विद्यालयों में राज्य शिक्षा निदेशालय के स्तर पर नियुक्तियां होती हैं और इसके लिए लिखित परीक्षा तथा साक्षात्कार भी लिया जाता है। मान्यता प्राप्त निजी स्कूल में भी समान वेतनमान मिलता है, लेकिन वहां रिक्तियां होने पर केवल इंटरव्यू के आधार पर नियुक्ति पाई जा सकती है।बीटीसी यानी बेसिक टीचिंग सर्टिफिकेट जिला स्तर पर संचालित किया जाने वाला कोर्स है। बारहवीं के बाद ही इसके लिए आवेदन किया जा सकता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद सरकारी स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर नौकरी मिलने की पूरी गारंटी होती है।

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