शनिवार, 12 जून 2010

छुट्टियों में क्या करें

नजरें नजारों पर
प्रशांत के 12वें जन्मदिन पर उसके पिता ने उपहार में उसे एक कैमरा दिया। गर्मी की छुट्टियों में जब वह अपने परिवार के साथ नैनीताल घूमने के लिए गया, तो प्रशांत ने उसी कैमरे से वहां की बेहतरीन और खूबसूरत तस्वीरें कैद कीं। प्रशांत ने अपने इस शौक को करियर की शक्ल देने का निर्णय कर लिया। आज वह अपने करियर से काफी खुश है और बेहतर कमाई भी कर रहा है। आमतौर पर फोटोग्राफर्स को ग्राफिक डिजाइनर, आर्ट डायरेक्टर जैसे क्रिएटिव लोगों के साथ काम करना होता है। इसके अलावा ट्रेंड फोटोग्राफर्स स्टूडियो मैनेजर्स,प्रिंट प्रोडक्शन, फोटो लैब या फिर डिजिटल इमेज मैनेजमेंट के साथ भी काम कर सकते हैं। बतौर ट्रैवल फोटोग्राफर होटल्स, ट्रैवल मैगजीन और संबंधित कंपनियों के साथ काम किया जा सकता है।

क्या करें

ट्रैवल फोटोग्राफी में प्रोफेशनल बनने के लिए आपको सबसे पहले इस क्षेत्र के प्रति अपने भीतर शौक जगाना होगा। इसके अलावा खास लोकेशनों के इतिहास, वहां की संस्कृति, परंपरा, भाषा और निवासियों के साथ सामाजिक मान्यताओं की जानकारी भी हासिल करनी होगी।

आवश्यक गुण

जाने-माने फोटोग्राफर रघु राय कहते हैं कि हर फोटोग्राफर में कुछ खास गुणों का होना जरूरी है। अगर कोई प्रोफेशनल ट्रैवल फोटोग्राफी कर रहा है, तो उसे कुछ दूसरी खास चीजों का भी ध्यान रखना चाहिए। इनमें प्रमुख चीजों को अलग नजर से देखने की क्षमता होनी चाहिए। एक फोटोग्राफर को अपनी आंखें हमेशा खुली रखनी चाहिए। साथ ही उसे देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति और परंपराओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए। धैर्य हर ट्रेवल फोटोग्राफर का सबसे बडा गुण होता है।

अगर फोटोग्राफर को अच्छा शॉट नहीं मिल रहा हो, तो उस जगह पर कुछ वक्त का इंतजार अच्छी तस्वीरें दिला सकता है। जिस लोकेशन की फोटोग्राफ्स कैमरे में उतारनी हों, वहां सुबह के वक्त ही पहुंच जाएं। साथ ही अलग-अलग एंगल से वेरायटी के साथ तस्वीरें खींचें। सुबह के समय ही करीब 10-11 बजे उस लोकेशन के क्षेत्रीय लोगों से मिलें और उस जगह के बारे में जानकारी जुटाएं। क्षेत्रीय लोगों से जानकारी हासिल करते वक्त उनकी तस्वीरें लेना भी न भूलें। क्षेत्रीय लोगों द्वारा बताई जगहों पर जाने के लिए शाम का वक्त ठीक रहेगा। उस क्षेत्र के साथ वहां की संस्कृति बयान करने वाली तस्वीरों को उतारने के लिए भी शाम का वक्त पूरी तरह से सही रहता है।

चुनौतियां और संभावनाएं

अगर आप बतौर फ्रीलांसर काम करते हैं, तो अपनी फोटोग्राफ्स को बेचने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड सकती है। अच्छे शॉट्स लेने के लिए फोटोग्राफर्स को अक्सर कई दिनों का इंतजार भी करना पड सकता है। साथ ही कई बार अच्छे शॉट्स लेने के लिए जीवन भी खतरे में पड जाता है। जबकि फोटोग्राफी के प्रोफेशन की सबसे बडी खासियत यह है कि इन प्राफेशनल्स को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में घूमने का मौका मिलता है। इस क्षेत्र में अगर आपका नाम चल निकला, तो पैसे की कमी नहीं होती।

आय

अगर आप किसी संस्थान में बतौर ट्रेनी टै्रवल फोटोग्राफर के तौर पर जुडते हैं, तो शुरुआती दौर में 10 से 20 हजार रुपये मासिक की सैलरी ऑफर की जाती है। जबकि फ्रीलांस तौर पर काम करते हुए विश्व स्तर के प्रकाशकों को यदि तस्वीरें बेची जाएं, तो कंपनियां काफी पैसे देती हैं। इस क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि किसी संस्थान के साथ काम करते हुए अनुभव के साथ पैसा बढता जाता है।

कहां से करें पढाई

ट्रैवल फोटोग्राफी के लिए विभिन्न संस्थानों से कोर्स किया जाता है। इनमें से कुछ प्रमुख हैं-

इंडिया इंटरनेशनल फोटोग्राफिक काउंसिल दिल्ली

त्रिवेणी कला संगम, दिल्ली

श्री अरबिन्द इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन। इसके अलावा शहरों में ट्रेवल फोटोग्राफी से संबंधित वर्कशॉप और सेमिनार्स का आयोजन होता रहता है, अपनी स्किल्स निखारने के लिए इनमें भी हिस्सा लिया जा सकता है।

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