सोमवार, 5 जुलाई 2010

सोनम कपूर

एक हीरोइन बहन-बेटी जैसी
अनिल कपूर की बेटी सोनम क्या कभी कोई बोल्ड भूमिका करेंगी? बोल्ड कपड़े पहनेंगी? बोल्ड संवाद अदा करेंगी? पर्दे पर वे हीरोइन कम और भले घर की बहन-बेटी अधिक जान पड़ती हैं। जाहिर है निर्देशकों को निर्देश रहते हैं कि सोनम पर कैमरा बहन-बेटी वाली नजर से घूमे। अभी तक सोनम की तीन फिल्में आई हैं और तीनों में सोनम बहन-बेटी ही लगी हैं। दर्शकों के अचेतन में यह बात बजती रहती है कि यह लड़की अनिल कपूर की बेटी है।

लड़कियों के प्रति फिल्म इंडस्ट्री का यह दोहरा रवैया है। जो लड़की किसी बड़े आदमी की बहन-बेटी नहीं है, उसे कैमरा गरीब की जोरू की तरह बेवजह यहाँ-वहाँ से घूरकर देखता है। मगर बड़े आदमी की बेटी सामने आते ही कैमरे की नजर पैरों के ऊपर नहीं जाती। यह गलत रवैया है। इस तरह के रवैए के साथ बड़े आदमी की बहन-बेटी दो-चार फिल्में तो कर सकती हैं, ज्यादा नहीं।

करिश्मा कपूर ने अपनी पहली ही फिल्म में बिकनी पहनी थी। करीना अपने बदन को अपनी मर्जी से ढँकती-उघाड़ती हैं। जहाँ जरूरी समझती हैं, वहाँ पीछे नहीं रहतीं और जहाँ जरूरी न हो, वहाँ उनसे कहने की किसी में हिम्मत भी नहीं है।

सोहा अली खान कुछ समय तक शर्मिला की बेटी और सैफ की बहन बनकर रहीं मगर हाल ही में आई एक फिल्म में उन्होंने चुंबन दृश्य भी दिए हैं। राजेश खन्ना की बेटी ट्विंकल और रिंकी खन्ना ने भी जितनी फिल्में की उनमें कहीं भी यह नहीं था कि ये हीरो-हीरोइन की बेटियाँ हैं। खुद काजोल की अपनी इतनी बड़ी पहचान बनी कि लोग उन्हें तनुजा की बेटी के रूप में याद नहीं करते।

कई लड़कियाँ आती हैं और वे सोचती हैं कि कैमरे के सामने कम कपड़ों में पेश होने से कामयाबी मिल जाएगी। अगर अंग-प्रदर्शन कामयाबी की जमानत नहीं है, तो बहनजी टाइप रहने से भी कामयाबी मिलेगी इसमें शक है।

कैमरे के सामने जब कोई लड़की हो, तो उसे यह भूल जाना चाहिए कि वह किसकी बेटी है, या किसकी बेटी नहीं है। वहाँ तो रोल के मुताबिक ही पोशाक और हाव-भाव होने चाहिए।

सोनम कपूर को देखकर एक किस्म की उलझन होती है। यह उलझन निर्देशक द्वारा बरते गए उस लिहाज से पैदा होती है जिसके तहत वे अनिल कपूर की बेटी को कपूर की टिकिया की तरह ढँककर, लपेटकर पेश करते हैं। हवा लगने से कपूर उड़ सकता है सोनम कपूर नहीं। आधुनिक कपड़े भी सोनम को पहनाए जाते हैं, तो यह ध्यान रखा जाता है कि "बेबी" वल्गर न लगे।

फिल्म "आई हेट लव स्टोरीज" में नायक के लिए दैहिक-संबंध कोई मायने नहीं रखते, मगर वह नायिका को पूजनीय ही बनाए रखता है। उसके साथ चुंबन तक की स्वतंत्रता नहीं लेता। सोनम कपूर इस तरह तो बहुत देर तक नहीं चल पाएगी। फिल्म इंडस्ट्री उन्हें अनिल कपूर की बेटी समझकर हमेशा लिहाज कर सकती है, पर दर्शक नहीं।

कुछ दिन बाद दर्शक सोनम कपूर का नाम सुनते ही अंदाजा लगा लेंगे कि उनका रोल किस तरह का होगा। यह सोनम कपूर के लिए भी खतरनाक है और उन्हें लेकर फिल्म बनाने वाले अन्य लोगों के लिए भी।

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